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कितना कुछ सहना पड़ता था राजकुमारी और दासियों को, जानिए पूरा माजरा?

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एक वक्त था, जब भारत में राजाओं का राज हुआ करता था। हर प्रांत के अलग अलग राजा हुआ करते थे। इतिहास में दर्ज हैं, भारत के राजा और रानियों का नाम। इन शासकों में से कुछ शासकों ने महान लड़ाईयां लड़ीं और हर तरह से अपने साम्राज्य की रक्षा की। राजाओं के पास अधिक संख्या में दासिया और दास होते हैं। जब भी 2 राज्यों में आपस मे लड़ाई होती हैं तब जो भी राजा जीते उसकी पूरी संपति जीतने वाले राजा को मिल जाती हैं।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक हिंदू और मुस्लिम राजा उनकी दासियों को महल में ही शिक्षित कराते है उनकी रानी और राजकुमारी के साथ ही। जो दासिया वहां होती हैं वो बेहद निपुण होती है। युद्ध कला में और बेहद सुंदर होती थी। जो भी राजा युद्ध मे हारता था।













उसके महल की कीमती चीजें जीतने वाले राजा के महल में भेज दी जाती थी। पुरुषों को हिंदू राजा कारागार में डाल दिए जाते थे या छोड़ दिए जाते थे, और रानी को हरम मेहल छोड़ देते थे। जबकि मुस्लिम सुल्तान पुरुषों को बेहद गंदी मौत देते थे कि देखने वाले की रूह काप जाए।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक महल में ही हिंदू और मुस्लिम राजाओं ने महल की महिलाओं को प्रशिक्षित किया। राजकुमारी के जीवन की रक्षा के लिए साहसी, बुद्धिमान नौकरानियों को भेजा गया था, क्योंकि शाही परिवार में कई षड्यंत्र थे।










इन दासों का काम राजकुमारी को राज्य के मामलों के बारे में जानकारी देना था और बेटे को विरासत में मिलेगा या नहीं। इन दासों को जीवन भर अविवाहित रहना पड़ा और अपनी राजकुमारी – रानी और उसके पुत्रों के जीवन की रक्षा करनी पड़ी।

इन दासियों का कार्य राजकुमारी को शासन के कार्यों से सम्बन्धी सूचनाएं देना होता था और पुत्र उत्तराधिकार प्राप्त करेगा या नहीं। इन दासियों को आजीवन अविवाहित रहना होता था और अपनी राजकमारी- महारानी और उनके पुत्रों के जीवन की रक्षा करना होता था।

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